स्वर्गीय सहकार महर्षि शंकरराव मोहिते पाटीलजी ने सन 1948 में शिक्षण प्रसारक मंडळ की स्थापना की। मालशिरस तहसील के ग्रामांचल के बच्चों की दृष्टी से शिक्षा के महत्व को उन्होंने महसूस किया और प्रारंभ में ‘विजय विद्यार्थी वसतीगृह’ की स्थापना कर उन्होंने शिक्षा जैसे महान कार्य का आगाज किया। तत्पश्चात ये सिलसिला बढ़ता गया। एक के बाद एक प्रारंभिक स्तर से लेकर आज पीएचडी तक की 58 शैक्षिक इकाइयों में इसका विकास हुआ। कई सामाजिक एवं सहकारी संस्थानों की स्थापना कर उन्होंने समाज कल्याण के व्रत को आजीवन अपना लिया। यहाँ के गरीब किसान, मजदूर और आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों के बच्चों की उच्चशिक्षा की आवश्यकता को महसूस करते हुए उन्होंने सन 1967 में शंकरराव मोहिते महाविद्यालय, अकलूज (प्रारम्भिक नाम आर्टस् कॉमर्स और सायन्स कॉलेज, अकलूज) की स्थापना की। ‘राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूँगा है’ इस गांधीजी की उक्ति को सार्थ बनाते हुए सन 1967 में बी.ए.भाग-1 हिंदी विषय स्नातक स्तर पर आरंभ किया गया। जून 1985 से हिंदी विभाग (बी.ए.भाग-३) की स्थापना हो गयी। आरंभ में डॉ. शिवाजी नाळे जी ने विभागाध्यक्ष का पदभार संभाला। सन 1995 में डॉ. अपर्णा कुचेकर जी की विभाग में प्रपाठक के रूप में कार्यभार संभाला। सन 2007 में डॉ. नाळेजी की सेवानिवृत्ति के बाद डॉ. अपर्णा कुचेकर जी ने विभागाध्यक्ष का पदभार संभाला। सन 2010 में प्रा. निवृत्ति लोखंडे जी ने विभाग में सहायक प्राध्यापक के रूप में नियुक्त हुए। समयानुसार प्रा. नांगरे, प्रा. कु. लोणकर, प्रा. कु. चापलेजी ने तासिका तत्व पर काम किया। सन 2005 में विभाग में एम. ए. हिंदी का पाठ्यक्रम आरंभ किया, जिससे ग्रामीण परिवेश के छात्रों को स्नातकोत्तर स्तर तक की पढाई का सुअवसर प्राप्त हुआ।
छात्रों में हिंदी भाषा के प्रति अभिरूचि बढ़ाने का काम विभाग की ओर से निरंतर किया जा रहा है। बी.ए. भाग-1 और 2 ऐच्छिक हिंदी बी.ए.भाग-3 विशेष हिंदी के रूप में पढ़ाया जाता है। विभाग की ओर से सन 2017 से ‘हिंदी निवेदन कौशल्य प्रमाणपत्र कोर्स’ महाविद्यालय स्तर पर आरंभ किया गया है। 2019-20 में इसे स्थानिय स्तर तक ले जाया गया है। विभाग की ओर से 6 अक्तूबर, 2018 को ‘हिंदी और रोजगार के अवसर’ इस विषय पर एक-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जो प्रतिभागी और विषय विशेषज्ञों की दृष्टी से सफल रही। विभाग में सन 2005 से स्नातकोत्तर स्तर का अध्यापन भी विभाग और अतिथि अध्यापकों की ओर से सुचारू रूप से किया जाता है। सन 2012 से 2016 तक लगातार पाँच वर्ष विभाग के छात्र पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर सोलापूर विश्वविद्यालय, सोलापुर की मानांकन सूची में(मेरिट लिस्ट) रहे है। विभाग की छात्रा को एम.ए. हिंदी में विश्वविद्यालय की ओर से सुवर्ण पदक(गोल्ड मेडल) से पुरस्कृत किया गया है। विभाग की विशेष पहल से लगभग 100 से ज्यादा छात्रों को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठियों में अध्यापकों समेत प्रतिभागी के रूप में सुअवसर प्रदान किया गया है। शंकरराव मोहिते महाविद्यालय का हिंदी विभाग निरंतर छात्र केंद्रित गतिविधियों में व्यस्त है।
| क्र. | अध्यापक का नाम | शैक्षणिक योग्यता | सेवा अवधि (प्रारंभ) | सेवा अवधि (तक) |
|---|---|---|---|---|
| 1 | डॉ. शिवाजी नाले | एम.ए., एम.फिल., पीएच.डी. | 1985 | 2007 |
| 2 | डॉ. अपर्णा कुचेकर | एम.ए., एम.फिल., पीएच.डी., SET | 1995 | 2023 |
| 3 | डॉ.निवृत्ती लोखंडे | एम.ए.,एम.फिल.,पीएच.डी.NET , | 2010 | कार्यरत |
| 4 | डॉ.विजयकुमार शिंदे | एम.ए., बी.एड., एम.फिल., पीएच.डी. | 2023 | कार्यरत |
| 5 | डॉ.उत्तम वाघमोडे | एम.ए.,एम.फिल.,पीएच.डी.NET | 2025 | कार्यरत |